ओवैसी के खिलाफ बाराबंकी में गुरुवार को मुकदमा दर्ज

 

(पुलिस अधीक्षक बाराबंकी श्री यमुना प्रसाद)

बाराबंकी : एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ बाराबंकी में गुरुवार को मुकदमा दर्ज कराया गया है। ओवैसी  पर धार्मिक भावनाएं भड़काने समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया गया है। उन पर बिना अनुमति जनसभा करने और लोगों को रामसनेही मस्जिद के नाम पर भड़काने का आरोप लगा है। मुकदमे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का भी आरोप है।


नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अमर सिंह के अनुसार सिटी पुलिस चौकी प्रभारी हरिशंकर साहू की तहरीर पर बिना अनुमति के जनसभा करने और धार्मिक भावनाओं को भड़काने, धारा 144 व कोविड-19 एवं महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा किया गया है। एसडीएम सदर पंकज सिंह ने बताया कि बिना अनुमति के जनसभा करने व कोविड-19 के नियमों के उल्लंघन सहित अन्य बातें सामने आई हैं। कार्यक्रम के वीडियो व फुटेज एकत्र किए जा रहे हैं। इसके बाद रात करीब साढ़े 10 बजे नगर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक ने रिपोर्ट दर्ज किए जाने की जानकारी दी।

विधायक के पत्र के बाद हरकत में आया प्रशासन

बताया जा रहा है कि दरियाबाद विधायक सतीश चंद्र शर्मा ने ओवैसी व कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ एफआईआर कराए जाने की मांग गुरुवार की शाम को अपर मुख्य सचिव गृह से की थी। उसकी प्रति डीएम व एसपी को भी भेजी। विधायक ने बताया कि उन्होंने डीएम व एसपी से इस संबंध में बात भी की। तब प्रशासन हरकत में आया। विधायक सतीश शर्मा ने अपर मुख्य सचिव को भेजे पत्र में लिखा है कि गुरुवार को कटरा मुहल्ला में बिना अनुमति के मीटिंग कर ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर रामसनेहीघाट में 100 साल पुरानी मस्जिद शहीद कराने का आरोप लगाया है जो निंदनीय व सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाला है, जबकि अवैध ढांचे को संवैधानिक प्रक्रिया के तहत गिराया गया है।

चाय पार्टी को बना दी जनसभा

ओवैसी के कार्यक्रम को अनुमति नहीं दी गई थी। पार्टी के पदाधिकायिों ने कार्यकर्ताओं से मुलाकात और चाय पार्टी करने की मंजूरी ली थी। गुरुवार को बड़े से मैदान में बाकायदा मंच बनाकर जनसभा करा दी गई। कार्यक्रम में सैकड़ों की भीड़ जुटी जबकि जिला प्रशासन द्वारा सिर्फ 50 लोगों की अनुमति दी गई थी। जनसभा में सीतापुर, अतरौला व लखनऊ समेत कई जिलों के लोग पहुंचे थे। साउंड व अन्य व्यवस्थाएं भी रहीं, लेकिन पुलिस कार्रवाई के बजाय मूकदर्शक बनी रही। मामला जब अपर मुख्य सचिव गृह तक विधायक ने पहुंचाया तब रिपोर्ट दर्ज कराई गई।

Comments

Popular posts from this blog

निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

समाज कल्याण में युवा शक्ति सबसे आगे

निपुण आकलन के लिए विद्यालय पहुंचे डीएलएड प्रशिक्षु