शब-ए-गम और शब-ए-कद्र का आयोजन
लखनऊ मरकज़-ए-तालीम व तरबियत ट्रस्ट की ओर से लगातार कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इसी सिलसिले में खास तारीखों पर छोटा इमामबाड़ा हुसैनाबाद और कर्बला दयानतउद्दौला बहादुर में मजलिसें आयोजित की गईं। शब-ए-कद्र की रातों में दुआ-ए-जौशन कबीर का खास इंतजाम किया गया, जिसमें महदवी समाज से आए उस्तादों ने खूबसूरत आवाज में अल्लाह के कई नामों से दुआ की। उस्तादों ने अपनी तकरीरों में अल्लाह के वलियों की मुनाजात पर ध्यान दिलाया और युवाओं को खास तौर पर इस बात की नसीहत की कि वे अपने पैदा करने वाले से मजबूत रिश्ता बनाए रखें, क्योंकि वही एक ऐसी हस्ती है जो हमेशा अपने बंदों के साथ रहती है।
अल्लाह का दरवाजा हमेशा अपने बंदों के लिए खुला रहता है और वह गलतियों के बावजूद अपने बंदों को दुत्कारता नहीं, बल्कि उनकी तौबा को कुबूल कर लेता है। शब-ए-कद्र को तक़दीर की रात मानते हुए, लोगों ने पूरी रात इबादत में जागकर इमाम-ए-ज़माना (अ.स.) के ज़हूर और देश की भलाई की दुआ मांगी। इसी दुआ के साथ जलसे का समापन हुआ।
(रिपोर्ट : सज्जाद बाकर)
