आम मरीज की तरह डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक KGMU अस्पताल में पहुंचे और वहां की व्यवस्थाओं का हाल जाना
मरीज बनकर किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी पहुंचे ब्रजेश पाठक ने मास्क लगाकर ओपीडी काउंटर पर पर्चा बनवाया। बिना एस्कार्ट और सुरक्षा के ओपीडी पहुंचे उपमुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री ने ट्रामा सेंटर, होल्डिंग एरिया और ओपीडी का निरीक्षण किया। कई जगह पर गंदगी मिलने के कारण उन्होंने फटकार भी लगाई।
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के परिसर में मंगलवार को सब कुछ सामान्य तौर पर चल रहा था। ओपीडी काउंटर पर मास्क लगाए एक शख्स लाइन में लगकर पर्चा बनने का इंतजार कर रहा था। जैसे ही वह लाइन से निकलकर काउंटर के अंदर जाकर पूछताछ करने लगा तो वहां पर कर्मचारियों की हवाइयां उड़ गई। तब तक पता चल गया कि यह कोई और नहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक हैं।
इससे पहले उपमुख्यमंत्री ने अलग-अलग तल पर मरीजों से बातचीत कर उनकी परेशानी भी जानी। एक मरीज को जांच करवाने के लिए लंबी लाइन में लगना था। वह एक किनारे बैठ कर अपनी का इंतजार करते नजर आए। मरीज ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि सुबह से ही लाइन में लगे हैं। नम्बर नहीं आया। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगी लंबी लाइन को देखकर उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से टोकन सिस्टम जैसी कोई प्रक्रिया शुरू करने की बात कही। ओपीडी में गंदगी और टूटी कुर्सियों को देखकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू के सीएमएस डा. एसएन शंखवार से इसका कारण पूछा और इसे दुरुस्त करने की बात कही।
ऑनलाइन व्यवस्था मंत्री की जांच में फेल
ब्रजेश पाठक ने औचक निरीक्षण के दौरान आनलाइन पंजीकरण के लिए दिए नंबर पर फोन लगाया लेकिन नंबर नहीं लग पाया। इसकी पड़ताल करने के लिए वह जब एक्सचेंज पर पहुंचे तो वहां पर पता चला कि 12 लाइनों में सिर्फ दो लाइन ही बिजी थी फिर भी फोन नहीं लग रहा था। इससे नाराज उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने व्यवस्था बदलने का भी निर्देश दिया।



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