आम मरीज की तरह डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक KGMU अस्पताल में पहुंचे और वहां की व्यवस्थाओं का हाल जाना


यूपी में प्रचंड जीत के साथ लौटी यूपी की योगी सरकार
 ने शपथ ग्रहण के साथ ही अपने इरादे साफ कर दिये हैं। एक तरफ सीएम योगी ने एक हफ्ते में ही तीन आईएएस और आईपीएस अफसरों को काम में लापरवाही और भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दियाहै।


दूसरी तरफ डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ के केजीएमयू अस्पताल अचानक पहुंचकर जांच पड़ताल की। आम मरीज की तरह ब्रजेश पाठक अस्पताल में पहुंचे और वहां की व्यवस्थाओं का हाल जाना। डिप्टी सीएम ने हॉस्पिटल की व्यवस्थाओं को सुव्यवस्थित करने और मरीजों को पूरी स्वास्थ्य सुविधाओं को सुनिश्चित करने  के लिए निर्देशित किया।

मरीज बनकर किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी पहुंचे ब्रजेश पाठक ने मास्क लगाकर ओपीडी काउंटर पर पर्चा बनवाया। बिना एस्कार्ट और सुरक्षा के ओपीडी पहुंचे उपमुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री ने ट्रामा सेंटर, होल्डिंग एरिया और ओपीडी का निरीक्षण किया। कई जगह पर गंदगी मिलने के कारण उन्होंने फटकार भी लगाई।

किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के परिसर में मंगलवार को सब कुछ सामान्य तौर पर चल रहा था। ओपीडी काउंटर पर मास्क लगाए एक शख्स लाइन में लगकर पर्चा बनने का इंतजार कर रहा था। जैसे ही वह लाइन से निकलकर काउंटर के अंदर जाकर पूछताछ करने लगा तो वहां पर कर्मचारियों की हवाइयां उड़ गई। तब तक पता चल गया कि यह कोई और नहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक हैं।

इससे पहले उपमुख्यमंत्री ने अलग-अलग तल पर मरीजों से बातचीत कर उनकी परेशानी भी जानी। एक मरीज को जांच करवाने के लिए लंबी लाइन में लगना था। वह एक किनारे बैठ कर अपनी का इंतजार करते नजर आए। मरीज ने उप मुख्यमंत्री को बताया कि सुबह से ही लाइन में लगे हैं। नम्बर नहीं आया। रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लगी लंबी लाइन को देखकर उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों से टोकन सिस्टम जैसी कोई प्रक्रिया शुरू करने की बात कही। ओपीडी में गंदगी और टूटी कुर्सियों को देखकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू के सीएमएस डा. एसएन शंखवार से इसका कारण पूछा और इसे दुरुस्त करने की बात कही।

ऑनलाइन व्यवस्था मंत्री की जांच में फेल
ब्रजेश पाठक ने औचक निरीक्षण के दौरान आनलाइन पंजीकरण के लिए दिए नंबर पर फोन लगाया लेकिन नंबर नहीं लग पाया। इसकी पड़ताल करने के लिए वह जब एक्सचेंज पर पहुंचे तो वहां पर पता चला कि 12 लाइनों में सिर्फ दो लाइन ही बिजी थी फिर भी फोन नहीं लग रहा था। इससे नाराज उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों को फटकार लगाई। उन्होंने व्यवस्था बदलने का भी निर्देश दिया।

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