अली जैदी निर्विरोध चुने गए उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन

ता दें कि इस चुनाव में वसीम रिजवी के सामने अली जैदी थे. उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव में 8 में से किसी एक सदस्य को अध्यक्ष बनाया जाना था. इसे लेकर आज 5 सदस्य ही बापू भवन पहुंचे. इनमें कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो, अधिवक्ता कोटे से सय्यद शबाहत हुसैन, समाज सेवी कोटे से अली जैदी, धर्मगुरु के कोटे से मौलाना रजा हुसैन और सरकारी अधिकारी डॉ नूरुल हसन नकवी ने चुनाव में भाग लेकर अली जैदी के पक्ष में वोट किए.

लखनऊ. पिछले काफी लंबे समय से रिक्त चल रहे शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का चुनाव आज आखिरकार हो गया. समाजसेवी अली जैदी शिया वक्फ बोर्ड के नए चेयरमैन चुने गए. इससे पहले हमेशा अपने विवादित बयानों के जरिए चर्चाओं में बने रहने वाले वसीम रिजवी चेयरमैन थे.

वसीम रिजवी लगभग 15 साल तक शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहे. सोमवार को उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव में अली जैदी निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए. यह चुनाव 8 सदस्यों में होना था. इनमें पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी भी शामिल थे. हालांकि मुतवल्ली कोटे से चुनकर आए सैयद वसीम रिजवी और सैयद फैजी ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया.

बता दें कि इस चुनाव पर सबकी निगाह लंबे अरसे से लगी थीं. क्योंकि एक तरफ शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व कद्दावर और भाजपा के करीबी माने जाने वाले वसीम रिजवी थे, तो दूसरी तरफ अली जैदी, जिन्हें मंत्री मोहसिन रजा का संरक्षण प्राप्त है. उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चुनाव में 8 में से किसी एक सदस्य को अध्यक्ष बनाया जाना था. इसे लेकर आज 5 सदस्य ही बापू भवन पहुंचे. इनमें कांग्रेस की पूर्व सांसद बेगम नूर बानो, अधिवक्ता कोटे से सय्यद शबाहत हुसैन, समाज सेवी कोटे से अली जैदी, धर्मगुर के कोटे से मौलाना रजा हुसैन और सरकारी अधिकारी डॉ नूरुल हसन नकवी ने चुनाव में भाग लेकर अली जैदी के पक्ष में वोट किए. वहीं, अमरोहा से अधिवक्ता जरिया जमीन के साथ मुतवल्ली सैयद फैजी और पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने हिस्सा नहीं लिया.

हाल फिलहाल के दिनों में कुरान और पैगंबर इस्लाम हजरत मोहम्मद पर वसीम रिजवी की विवादित टिप्पणियों से मुस्लिम समाज में उनके प्रति नाराजगी देखी जा रही थी. यही वजह रही कि वसीम रिजवी का किसी ने भी समर्थन नहीं किया और आखिरकार वसीम रिजवी को चुनावों में हार का सामना करना पड़ा. हालांकि चुनाव जीतने के बाद अली जैदी पर शिया वक्फ बोर्ड के विवादों को खत्म करना, वहां की चीजें दुरुस्त करना और वक्फ बोर्ड की जमीनों को खुर्दबुर्द होने से बचाने में तेजी लानी होगी.

Comments

Popular posts from this blog

निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

समाज कल्याण में युवा शक्ति सबसे आगे

निपुण आकलन के लिए विद्यालय पहुंचे डीएलएड प्रशिक्षु