स्कूल में मनाया गया राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
गोण्डा : झंझरी के अन्नूर इण्टर कालेज जमुनियाबाग में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया गया। भारत सरकार के पहले शिक्षा मन्त्री, महान स्वतन्त्रता सेनानी, कवि, लेखक और पत्रकार मौलाना अबुल कलाम आजाद 11 नवम्बर 1888 को पैदा हुए थे। उनके जन्म दिन को पूरे देश में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रुप में मनाया जाता है।
अन्नूर कालेज में प्रधानाचार्य अफजाल अहमद ने मौलाना आजाद ने चित्र पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि मौलाना आजाद कई भाषाओं अरबी, अंग्रेजी, फारसी, ऊर्दू, हिन्दी, परशियन व बंगाली के प्रकांड विद्वान थे। वे 1923 और 1940 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा। उन्होंने कहा कि मौलाना आजाद आजादी के बाद देश के बटवारे के सख्त खिलाफ थे। प्रधानाचार्य ने बताया कि मौलाना आजाद ने गांधी जी के साथ असहयोग आन्दोलन, खिलाफत आन्दोलन, भारत छोड़ो आन्दोलन में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। आजादी के बाद उन्हें देश का शिक्षा मन्त्री बनाया गया। श्री आजाद 14 वर्ष के बच्चों के लिए नि:शुल्क शिक्षा, बालिका शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, कृषि शिक्षा, तकनीकी शिक्षा में सुधार के लिए हमेशा वकालत की। वे शिक्षा को बच्चों का मौलिक अधिकार मानते थे। उन्होंने ने केन्द्रीय शिक्षा मन्त्री रहते हुए साहित्य एकेडमी, संगीत एकेडमी, ललित कला एकेडमी, भारतीय संस्कृति परिषद व विश्व विद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना की। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 1992 में मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया है।
इस दौरान मोहम्मद अहमद, पंकज सिंह, राजेन्द्र प्रसाद, मौलाना इरशाद, त्रिभुवन, सकीना बानो, जावेद अहमद रहे।
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