तमाम साज़िशों के बावजूद, जामिया देश में टॉप पर तो एएमयू ने हासिल किया चौथा मक़ाम
दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी और अलीगड़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को हालिया दिनों में जितना बदमान करने की कोशिश की गई और वहां पढ़ने वाले छात्रों को निशाना बनाया गया, उतना ही इन दोनों यूनिवर्सिटियों के छात्र शिक्षा के क्षितिज पर तारा बनकर चमक रहे हैं।
पिछले साल मोदी सरकार ने मुसलमानों के साथ भेदभाव करने वाला सीएए क़ानून पारित किया, जिसके ख़िलाफ़ जामिया और मुस्लिम यूनिवर्सिटी के छात्रों ने अपनी जानें हथेली पर रखकर और कैरियर दांव पर लगाकर अभियान शुरू किया। पुलिस ने बेरहमी से छात्रों को मारा पीटा और प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के दरवाज़ों पर ताला डाल दिया।
इसके बावजूद, वर्ष 2019-20 में जामिया ने देश में 40 केंद्रीय यूनिवर्सिटियों को पीछे छोड़ते हुए टॉप रैंक हासिल किया, तो वहीं अलीगड़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी ने चौथा मक़ाम हासिल किया है।
जामिया के बाद दूसरे नंबर पर अरुणाचल प्रदेश की राजीव गांधी यूनिवर्सिटी और तीसरे नंबर पर जवाहरलाल यूनिवर्सिटी है।
जामिया को 90 फ़ीसदी स्कोर के साथ रैंकिंग में पहला नंबर मिला है। राजीव गांधी यूनिवर्सिटी को 83 फ़ीसदी, जेएनयू को 82 और अलगीढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी को 78 फ़ीसदी प्वाइंट मिले हैं।
यूनिवर्सिटियों का मूल्यांकन 2019-20 में तय किए गए एमओयू के हिसाब से किया गया है। दरअसल, सेंट्रल यूनिवर्सिटी रैंकिंग में विश्वविद्यालयों का मूल्यांकन कई पैमानों के आधार पर किया जाता है। जिसमें विभिन्न पाठ्यक्रमों यूजी, पीजी, पीएचडी में छात्रों की संख्या और लैंगिक अनुपात भी शामिल है। इसके अलावा कैंपस प्लेसमेंट भी इस चयन का आधार बनता है। नेट और गेट परीक्षा में सफल होने वाले छात्रों के आधार पर भी यह रैंकिंग तैयार होती है।
जामिया को देश में टॉप रैंकिंग मिलने के बाद ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ़ार्म पर जामिया ट्रैंड करने लगा। कुछ लोगों ने इस कामयाबी पर ख़ुशी का इज़हार किया और छात्रों तथा अध्यापकों को मुबारकबाद दी।
(News Reference parsToday)
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