सरकार ने मरीजों को उनके ही घर पर रखने का विचार बनाया है

लखनऊ के समस्त अस्पतालों में बेड फुल हो जाने की वजह से कोविड-19 पेशेंट को भर्ती कराने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने मरीजों को उनके ही घर पर रखने का विचार बनाया है



उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्य नाथ ने आज मुख्य सचिव को निर्देश दिए हैं कि कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति को होम आइसोलेशन में रखने पर विचार करने तथा एस0ओ0पी0 तैयार करे। मुख्यमंत्री आज यहाँ लखनऊ में कोविड-19 संक्रमण के नियंत्रण के सम्बन्ध में बैठक कर रहे थे।डी0जी0 हेल्थ की तत्काल नियुक्ति के लिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए ,मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जनपद स्तर पर स्वास्थ्य विभाग सर्विलांस, एम्बुलेंस सेवा, डोर-टू-डोर सर्वे, कोविड तथा नाॅन-कोविड अस्पतालों के लिए अलग-अलग टीम बनाकर परस्पर समन्वय के साथ कार्य करे। प्रत्येक टीम का संचालन एक व्यक्ति के नेतृत्व में सुनिश्चित किया जाए। प्रदेश के प्रत्येक वाॅर्ड में आवश्यक संख्या में सर्वे टीम तैनात की जाए। सर्वे की व्यवस्था सर्विलांस टीम द्वारा सर्वे की व्यवस्था इस प्रकार की जाए कि प्रत्येक 08 से 10 दिन के पश्चात् पुनः डोर-टू-डोर सर्वे किया जा सके। टीम के पास पल्स आॅक्सीमीटर, इन्फ्रारेड थर्मामीटर, सैनिटाइजर, ग्लव्स, मास्क या फेस कवर की उपलब्धता रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग 12,000 वाॅर्ड हैं। हर वाॅर्ड में सर्वे सुनिश्चित होना चाहिए। हालाँकि मुख्य मंत्री के इतनी मेहनत के बाद भी लखनऊ के हालत बहोत ख़राब होते जा रहे हैं । सचिवालय के अनुभाग अधिकारी, समीक्षा अधिकारी से लेकर समूह ग के कर्मी चपेट मेंचिकित्सा अनुभाग 2 के अनुभाग अधिकारी मनोज पांडेय कोरोना पॉजिटिव समीक्षा अधिकारी सचिनानंद और कंप्यूटर सहायक जगदीश यादव कोरोना भी पॉज़िटिव लोकबंधु अस्पताल में भर्ती होने अपने वाहन से खुद अस्पताल गए अस्पताल हैं ।लखनऊ के सरकारी सिस्टम से नहीं मिली कोई सहायता सीएमओ से लेकर पूरा महकमा मूक दर्शक बना रहा समीक्षा अधिकारी सचिनानंद होम कोरेंटाइन लखनऊ के अस्पतालों में कोरोना बेड फुल हैं । हज हाउस और दूसरी जगहों पर भेजा जा रहा है पीजीआई,लोहिया,केजीएमयू में बेड फुल लखनऊ में कोरोना वायरस संक्रमण फैला ज़्यादा मरीज़ मिलने से 8-8 घंटे मरीज एम्बुलेंस में घूम रहे हैं।


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