इस्राईल और अमरीका की बढ़ी मुसीबतें, अब ईरान, सीरिया का एयर डिफ़ेंस सिस्टम मज़बूत करेगा, परिंदा पर भी नहीं मार सकता


ईरान और सीरिया के बीच सैन्य, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौते हुए हैं। सीरिया के रक्षामंत्री अली अय्यूब और ईरान के चीफ़ आफ़ आर्मी स्टाफ़ जनरल मुहम्मद बाक़ेरी के बीच रक्षा और सैन्य क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर हुए।


इस रिपोर्ट के आधार पर यह समझौता सशस्त्र सेनाओं के बीच गतिविधियों और रक्षा सहयोग को जारी रखने पर बल देता है।


इसी तरह दोनों पक्षों ने सीरिया की स्थिति, ग़ैर क़ानूनी तरीक़ों से घुसपैठ करने वाले विदेशी सैनिकों के निष्कासन की आवश्यकता पर भी चर्चा की।


 


इस अवसर पर सीरिया के रक्षामंत्री अली अय्यूब ने कहा कि अगर अमरीकी सरकार, ईरान, सीरिया और प्रतिरोध के मोर्चे को घुटने टेकने पर मजबूर कर सकती तो वह इस काम के लिए एक क्षण भी न गंवाती।


उनका कहना था कि यद्यपि डटे रहने की क़ीमत ज़्यादा चुकानी पड़ रही है किन्तु यह घुटने टेकने से कम ही क़ीमत है।


 


उन्होंने क़ैसर नामक सीरिया के विरुद्ध अमरीकी प्रतिबंधकों के बारे में कहा कि क़ैसर क़ानून, सीरियाई नागरिकों से लड़ रहा है जो अपने बच्चों के खाने पीने और दवाओं को उपलब्ध कराने में प्रयास कर रहे हैं और इस क़ानून का हम डटकर मुक़ाबला करेंगे।


सीरिया के रक्षा मंत्री ने बल दिया कि, इस्राईल, सीरिया के विरुद्ध युद्ध में अमरीका का मज़बूत सहयोगी है और आतंकी गुट इस्राईली घुसपैठ का ही हिस्सा हैं।


उन्होंने बल दिया कि सीरिया की सेना वर्ष 2011 से डटी हुई है और देश के ढांचे को मज़बूत किए हुए है और अंत में विजय भी सेना की ही होगी।


इस अवसर पर ईरान के चीफ़ आफ़ आर्मी स्टाफ़ जनरल बाक़ेरी ने कहा कि ईरान और सीरिया के बीच सैन्य सहयोग को मज़बूत करने की परिधि में सीरिया के एयर डिफ़ेंस सिस्टम को मज़बूत किया जाएगा।


 


उनका कहना था कि तुर्की ने सीरिया से आतंकवादियों को निकालने पर आधारित आस्ताना में हुए समझौते के अपने वचनों पर अमल करने में थोड़ा विलंब किया।


उन्होंने कहा कि तुर्की को यह जान लेना चाहिए कि सुरक्षा समस्या का समाधान केवल वार्ता द्वारा ही संभव हो सकता है, सीरिया पर सैन्य चढ़ाई द्वारा नहीं।


उन्होंने बल दिया कि क्षेत्रीय देश और जनता अमरीकी सैन्य उपस्थिति के विरोधी हैं और अमरीकी बकवास पर हमारे जवाब जारी रहेंगे।


ईरान के चीफ़ आफ़ आर्मी स्टाफ़ का कहना था कि सीरिया और ईरान के बीच जो समझौता हुआ है वह अमरीकी दबाव से मुक़ाबले के लिए हमारे संयुक्त सहयोग को और भी मज़बूत करेगा।


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