अजीज प्रेमजी ने लगाई सुप्रीम कोर्ट में गुहार, जानें क्या है मामला
विप्रो समूह के चेयरमैन अजीम प्रेमजी और उनकी पत्नी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. उन्होंने यह याचिका कर्नाटक की एक निचली अदालत द्वारा भयावह अपराधिक शिकायतों के आरोप में जारी किए गए सम्मन को रद्द करने के लिए कहा है. याचिका में कहा गया है का कर्नाटक की अदालत ने जिस मामले में याचिका दायर की है, उसपर हाईकोर्ट की हरी झंडी पहले ही मिल चुकी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार हसम कंपनी में तीन कंपनी के मर्जर के खिलाफ चेन्नई की एक कंपनी ने अपराधिक मुकदमा दर्ज करा दिया है. प्रेमजी के वकील ने अखबार को बताया कि इसके पीछे प्रेमजी के पूर्व सहयोगी रहे सुभिक्षा सुब्रमण्यन का साथ है. वे कॉरपोरेट बदनामी और साजिश के तहत ऐसा कर रहे हैं.
क्या है मामला- अजीम प्रेमजी और उनके सहयोगियों पर आरोप है कि तीन 45000 करोड़ की लागत वाली कंपनियों को एक ट्रस्ट में हस्तानांतरित कर दिया. वहीं प्रेमजी के वकील महेश अग्रवाल ने बताया कि यह पूरी प्रक्रिया आरबीआई को संज्ञान में लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट की हरी झंडी के बाद किया गया था. इसकी जानकारी सेबी को भी दी गई थी. इस मामले में पिछले दिनों कर्नाटक हाईकोर्ट ने प्रेमजी को राहत देने से इंकार कर दिया था,जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.
दानदाता के रूप में जाने जाते हैं प्रेमजी- अजीम प्रेमजी भारत में दानदाता के रूप में जाने जाते हैं. प्रेमजी फाउंडेशन ने कोर्ट को बताया कि 2010 से लेकर अब तक कंपनी ने डेढ़ लाख करोड़ रुपये सिर्फ समाजिक और धार्मिक कार्यों के लिए किया गया है. अजीम प्रेमजी ने कोरना से लड़ने के लिए भी 125 करोड़ रुपये खर्च किए थे.
पिछले साल छोड़े थे कंपनी के चेयरमैन का पद- अजीम प्रेमजी पिछले साल कंपनी के सभी पदों से रिटायर हो गए थे. उनके बाद उनकी कंपनी बेटे रिशद संभाल रहे हैं. अजीम प्रेमजी 53 साल तक कंपनी के सर्वोच्च पद पर रहे. उन्हें भारत में सॉफ्टवेयर मुगल के नाम से भी जाना जाता है.
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