पवित्र माह रमज़ान का चाॅद आया नज़र पहला रोज़ा शनिवार को

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लखनऊ: लाक डाउन के 31वें दिन की शाम ऐसी शाम थी जो शायद इतिहास मे पहले कभी नही रही होगी । शुक्रवार की शाम पवित्र रमज़ान के महीने के चाॅद के दीदार के बाद मस्जिदो मे तरावीह की नमाज़ शुरू हो जाती अगर कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लाक डाउन न होता लेकिन लाक डाउन के बाद पूरे देश मे सभी धर्मो के धर्म स्थलो पर ताले लगे हुए है । कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए ज़रूरी सोशल डिस्टेन्सिंग बनाए रखने के लिए इस बार देश के करोड़ो मुसलमानो ने रमज़ान के महीने मे मस्जिदो के बजाए अपने अपने घरो मे ही तरावीह की नमाज़े अदा करना शुरू कर दी है। वैसे हर वर्ष रमज़ान के चाॅद के एलान के बाद ही मस्जिदो मे होने वाली तरावीह की नमाज़ मे शामिल होने वाले नमज़ियो की भारी भीड़ से मस्जिदे आबाद हो जाती थी लेकिन इस बार ऐसा नही हुआ रमज़ान मुबारक के चाॅद का एलान हुआ लेकिन मस्जिदो के ताले नही खुले । पवित्र रमज़ान के चाॅद के एलान के बाद मुसलमानो ने अपने घरो को ही मस्जिद मान कर अल्लाह की बारगाह मे दुंआ के हाथ उठा दिए। रमज़ान का महीना शुरू होने से पहले ही मुस्लिम धर्म गुरूओ ने मुस्लिम समाज से अपील की थी कि रमज़ान के महीने मे पढ़ी जाने वाली तरावीह की विशेष नमाज़ के लिए कोई भी मुसलमान मस्जिदो मे न जाए धर्म गुरूओ ने अपील की है कि मुसलमान लाक डाउन का पालन करते हुए पाॅच वक़्त की नमाज़ भी मस्जिदो मे न पढ़ कर अपने अपने घरो मे ही अदा करें। इस समय पूरा विश्व कोरोना वायरस को हराने के लिए घरो मे रह कर जंग कर रहा है ऐसे हालात मे मुसलमानो ने भी कोरोना वायरस को हराने के लिए रमज़ान की इबादत को मस्जिदो मे न करके अपने अपने घरो मे ही करने का फैसला किया है। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लाक डाउन की अवधि मे सामुहिक रोज़ा अफतार पार्टियो पर भी रोक है क्यूकि रोज़ा अफतार पार्टियो मे सोशल डिस्टेसिंग को मेन्टेन नही किया जा सकता है इस लिए शायद इस बार सामुहिक रोज़ा आफतार पार्टिया आयोजित न की जाए । इस्लामिक सेन्टर आफ इन्डिया की तरफ से कुरान की तिलावत सुनने के लिए इस बार नायाब तरीका अपनाया गया इस्लामिक सेन्टर से कारी तारिक उल इस्लाम ने ठीक आठ बजे कुरान की तिलावत शुरू शुरू करेगे इस्लामिक सेन्टर आफ इन्डिया के फेसबुक पेज से जुड़े लोग अपने अपने घरो मे बैठ कर पवित्र कुरान की तिलावत सुन सकते है । हालाकि फेसबुक पर लाईव कुरान की तिलावत को नमाज़े तरावीह तो नही कहा जा सकता लेकिन क्ंयूकि रमज़ान के मुबारक महीने मे कुरान पढ़ना और सुन्ना दोनो ही बड़ा सवाब माना गया है इस लिए इस्लामिक सेन्टर आफ इन्डिया की इस पहल की लोगो ने प्रशंसा भी की। इस्लामिक सेन्टर आफ इन्डिया की तरफ से जैसे ही रमज़ान के महीने के चाॅद नज़र आने की तस्दीक हुई वैसे ही पटाखो की गड़गड़ाहट से आसमान गूंज उठा।               (news ref JK)


(रिपोर्ट- ख़ालिद रहमान)


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