Lockdown: मण्डलायुक्त श्री मुकेश मेश्राम ने आज ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों का निरीक्षण किया
लखनऊः 23 अप्रैल 2020, मण्डलायुक्त श्री मुकेश मेश्राम ने आज ईंट-भट्ठों पर काम करने वाले श्रमिकों की लाॅकडाउन में स्थिति का जायजा लेने के लिए बन्थरा लखनऊ के आस-पास स्थित ईंट-भट्ठों का निरीक्षण किया। निरीक्षण में उपजिलाधिकारी, सरोजनीनगर श्री प्रफुल्ल त्रिपाठी, उप श्रमायुक्त श्री बी0के0 राय, सहायक श्रमायुक्त श्री रवि कुमार श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान अनिल ब्रिक फील्ड के प्रबन्धक श्री सुशील चन्दानी द्वारा अवगत कराया गया कि उनके ब्रिक फील्ड में बिहार व छत्तीसगढ़ के लगभग 80 मजदूरों द्वारा कार्य किया जा रहा है, जो लाॅकडाउन की अवधि में यहीं रहे एवं पथाई का कार्य सोशल डिस्टेंसिंग का कार्य करते हुए करते रहे। सभी मजदूरों को राशन किट उपलब्ध करा दी गयी है। मण्डलायुक्त द्वारा वहाँ काम कर रहे मजदूरों से भी बातचीत की गयी। उनमें से कई जाॅंचगीर, चांपा, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) तथा कुछ रायबरेली, उन्नाव आदि जिलों से थे। किसी को खाने-पीने की समस्या नहीं थी। मण्डलायुक्त द्वारा उन्हें के0जी0एम0यू0 द्वारा कोरोना पर हिन्दी में प्रकाशित बुकलेट भी जागरूकता हेतु वितरित की।
मण्डलायुक्त ने उप श्रमायुक्त को निर्देष दिये कि कार्य कर रहे सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण करा लिया जाये। उन्होंने कहा कि ईंट-भट्ठों का कार्य प्रारम्भ हो जाने से प्रवासी मजदूरों व अन्य क्षेत्रीय मजदूरों को लाभ हुआ है उनमें आत्म विश्वास जागा है, कोरोना का डर समाप्त हुआ है। भविष्य को लेकर अंदेशा खत्म हुआ है। उनकी आर्थिक स्थिति में मजबूत होगी तथा वह अपने पैसे का अन्य कार्यों में उपयोग करेंगे।
ईंट-भट्ठा संचालकों द्वारा अवगत कराया गया कि लाखों की संख्या में ईंट बनकर तैयार हैं। मण्डलायुक्त ने बताया कि मण्डल के 6 जनपदों में से 4 जनपदों में मनरेगा के कार्य प्रारम्भ हो गये हैं। निर्माण कार्यों में यह उपयोग आ जायेंगे।
उप श्रमायुक्त द्वारा अवगत कराया गया कि जनपद लखनऊ में 160 ईंट-भट्ठों में लगभग 12000 मजदूर हैं। जनपद लखीमपुर-खीरी में 180 ईंट-भट्ठों में लगभग 4283 मजदूर हैं। जनपद रायबरेली में 295 ईंट-भट्ठों में 3604 मजदूर हैं। जनपद उन्नाव में 150 ईंट-भट्ठों में 8067 मजदूर हैं। जनपद सीतापुर में 280 ईंट-भट्ठों में 6219 मजदूर हैं। जनपद हरदोई में 224 ईंट-भट्ठों में 6040 मजदूर हैं, जो छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश, पष्चिम बंगाल, झारखण्ड, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखण्ड, मध्य प्रदेश व उड़ीसा के हैं। ईंट-भट्ठों पर मालिकान द्वारा साप्ताहिक रूप से राशन उपलब्ध कराया जा रहा है तथा चिकित्सा व्यवस्था भी उपलब्ध करायी जा रही है। सोषल डिस्टेंसिंग का अनुपालन किया जा रहा है। किसी र्भी इंट-भट्ठे पर भुगतान की कोई षिकायत नहीं प्राप्त हुई है।
(रिपोर्ट - नवीन बाजपेयी)
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