पुलिस हिरासत में दलित युवक की मौत, SP को हटाया, थानेदार के खिलाफ केस
राजस्थान के बाड़मेर जिले में पुलिस द्वारा पकड़े गए युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में जिला पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी को हटा दिया गया है और थानेदार को निलंबित करते हुए पूरे थाने को लाइन हाजिर कर दिया गया है। परिवार वालों ने पुलिस पर पिटाई का आरोप लगाते हुए इसे हिरासत में मौत का मामला बताया है। इस मामले में थाने के सभी पुलिसवालों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।
मृतक की पहचान जीतू खटीक (22) के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार जीतू कबाड़ी का व्यवसाय करता था। परिजनों ने कहा कि ग्रामीण थाना पुलिस ने बुधवार शाम को युवक को उसकी दुकान उठाया और पुलिस स्टेशन ले आई, जहां उन्होंने बिना किसी शिकायत या प्राथमिकी दर्ज किए उसे पूरी रात थाने में रखा। इस बीच गुरुवार दोपहर युवक की तबीयत खराब हुई जिसपर पुलिस उसे अस्पताल ले गयी, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
जीतू के परिवार वालों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। मृतक के पिता ताराचंद ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके बेटे को मारा है। आरोप है कि पुलिस के पास जीतू के खिलाफ कोई मामला या शिकायत दर्ज नहीं थी। पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने कहा कि एनएचआरसी के निर्देशों के तहत एसएचओ को निलंबित कर दिया गया है और पूरे थाने का लाइन हाजिर कर दिया गया है।
मामले की न्यायिक जांच के साथ-साथ इसकी जांच सीआईडी-सीबी को सौंपी गई है। दूसरी ओर संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने राज्य विधानसभा में यह जानकारी देते हुए कहा कि प्रकरण की न्यायिक जांच के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बाड़मेर ने न्यायिक मजिस्ट्रेट बाड़मेर को नियुक्त किया गया है जो जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मृतक जीतू खटीक के भाई धर्मेंद्र ने इस बारे में रिपोर्ट दी है। इसमें जीतू को अवैध रूप से थाने में रखने, मारपीट करने और अमानवीय यातनाएं देने का आरोप लगाया है।
Comments
Post a Comment