बैतुलमाल का अशरा जन्नतुल बक़ी के गिराए जाने के विरोध में मनाया जाता है


लखनऊ।सफर के पहले इतवार को मनाया जाने वाला बैतूलमाल का अशरा रविवार को गमगीन माहौल में मनाया गया। ठाकुरगंज स्तिथ इमामबाड़ा झाऊलाल में सफर के पहले इतवार को मनाए जाने वाले कार्यक्रम को बैतुलमाल के अशरे के नाम से जाना जाता है।बैतुलमाल के अशरे का आयोजन दशकों पूर्व वर्ष 1925 में सऊदी अरब के मदीना मुनव्वरा स्तिथ जन्नतुल बक़ी में रसूल की प्यारी बेटी और चार इमाम की कब्रों को इस्लामी महीने शव्वाल के आठ तारीख को ध्वस्त करने के विरोध में किया जाता है।


बैतुलमाल का अशरा शोकाकुल माहौल में संपन्न

ठाकुरगंज इमली वाली मस्ज़िद में अशरा शांतिपूर्वक सम्पन्न हो गया।दोपहर 2  बजे हुसैन डे से आयोजन प्रारम्भ किया गया जिसमें शायरों ने अपने अशआर पेश किया।शाम चार बजे मौलाना अली मुत्तक़ी ज़ैदी ने मजलिस को खिताब किया। मजलिस के बाद शहर की मातमी अंजुमने मस्जिद से अपने आलम के साथ नौहखानी व सीनाजनी करती हुई सड़क के दूसरी तरफ स्तिथ झाऊलाल के इमामबाड़े में जाकर जोरदार मातम के साथ शोकाकुल माहौल में अपना अक़ीदत पेश किया। इस मौके पर जिला प्रशासन ने चप्पे चप्पे पर पुलिस व्यवस्था का भारी इंतेज़ाम किया गया था।


हिन्दू मुस्लिम एकता का प्रतीक झाऊलाल का इमामबाड़ा 


गंगाजमुनी तहज़ीब के राजा स्वर्गीय झाऊलाल हिदू मुस्लिम एकता के प्रतीक थे।नवाब आसफुद्दौला के ओहदेदारों के साथ साथ समाज सेवी के रूप में प्रसिद्ध थे। यही नही झाऊलाल जहां कायस्थ समाज के नामवर इंसान थे वहीं अपने धर्म में भी अगाध श्रद्धा रखते थे। यही कारण है कि अमीनाबाद में झाऊलाल का मंदिर व पुल आज भी उनकी याद दिला रहा है  मोहर्रम माह आते ही राजा झाऊलाल कर्बला वालों की याद में मजलिस भी बरपा करते थे ।धीरे धीरे इमाम हुसैन अ. सलाम से इतना प्रेम हो गया कि ठाकुरगंज में 1825 में इमाम बाड़ा बैतुलमाल का निर्माण करा दिया।नवाब आसफुदौला राजा झाऊलाल का बड़ा सम्मान करते थे।राजा झाऊलाल जहाँ मन्दिरों में जाकर देर तक पूजा पाठ करते थे वहीं वे मजलिसों में जाकर कर्बला की मार्मिक ब्यान पर देर तक आँसू बहाते थे। इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की मोहब्बत व लगाव इतना बढ़ गया कि इराक जाकर इमाम की दर्शन करने की ठान ली ।उस समय  जहाज, मोटर वाहन न होने के कारण लंबा कठिनाई भरा  सफर तय करके इराक कर्बला पहुँचे।तथा इमाम के रौजे की दर्शन कर कुछ दिनों के बाद वहीँ अपने प्राण त्याग दिए।



 ठाकुरगंज व्यापार मंडल एवं बजरंगी लाल साहू इंटर कालेज की तरफ से लगाई गई सबीलें। राजा झाऊलाल की विरासत को आगे बढ़ा रहें है कायस्थ समाज से ताल्लुक रखने वाले समाज सेवी  ठाकुरगंज व्यापार मंडल अध्यछ प्रवीन निगम कक्का के वर्षों  से कर्बला वालों की याद में बैतुलमाल के अशरे में चाय, सरवत, पानी की सबीलें लगा  कर अपनी अक़ीदत पेश कर रहें हैं।
 बजरंगी लाल साहू इंटर कालेज के तरफ से पिछ्ले कई  वर्षों से सबील लगाया जाता है इस सम्बंध में स्कूल प्रबन्धक संदीप साहू का कहना है कि प्यासों को पानी पिलाना पुण्य का कार्य है कर्बला के प्यासों को पानी का प्याऊ लगा कर मैं अपनी श्रदांजली पेश करता हूं।


Comments

Popular posts from this blog

निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

समाज कल्याण में युवा शक्ति सबसे आगे

निपुण आकलन के लिए विद्यालय पहुंचे डीएलएड प्रशिक्षु