परमाणु समझौते पर हसन रूहानी की चेतावनी, यूरोप अपने दायित्वों को करे पूरा
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने फ्रांस के अपने समकक्ष एमैनुएल मैक्रों से फोन पर बातचीत करते हुए उन्हें आगाह किया कि अगर यूरोप परमाणु समझौते पर अपने दायित्वों को पूरा नहीं करेगा तो ईरान अपनी प्रतिबद्धताओं को कम करने के लिए अगला कदम उठाएगा।
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 'ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेनसिव प्लान ऑफ एक्शन प्लान' (जेसीपीओए) से पिछले साल मई में एक-तरफा अपने देश को अलग कर लिया था, जिसके बाद खाड़ी में तनाव बढ़ गया है। यह समझौता ईरान और विश्व शक्तियों के बीच हुआ था। अमेरिका के इस समझौते से हटने के बाद से ईरान और अमेरिका में तनातनी चल रही है।
बहरहाल, इस तनातनी को कम करने के लिए मैक्रों कोशिशें कर रहे हैं और उन्होंने पिछले हफ्ते जी7 शिखर सम्मेलन में रूहानी और ट्रंप की मुलाकात कराने की उम्मीद जताई थी। शनिवार को रूहानी ने मैक्रों से फोन पर बात करते हुए कहा, ''अगर यूरोप अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करेगा तो ईरान जेसीपीओए की प्रतिबद्धताओं को कम करने के लिए तीसरा कदम उठाएगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के इस एकतरफा कदम के बाद भी यूरोपीय देशों ने अपनी प्रतिबद्धताओं को लागू करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए। जेसीपीओए की सामग्री को बदला नहीं जा सकता है और सभी पक्षों को इसके प्रति वचनबद्ध होना चाहिए। रूहानी ने कहा कि ईरान की दो प्राथमिकताएं हैं: जेसीपीओए में शामिल सभी पक्ष अपने दायित्वों को पूरी तरह से पूरा करें और फारस की खाड़ी और होर्मुज के जलडमरूमध्य समेत सभी समुद्री मार्गों में स्वतंत्र परिवहन की सुरक्षा सुनिश्चित करें।
मैक्रों के दफ्तर ने एक बयान जारी कर बातचीत के जरिए तनाव घटाने और क्षेत्र में एक स्थायी समाधान की अहमियत पर जोर दिया। फ्रांस के एक राजनयिक सूत्र ने बताया कि पेरिस और तेहरान के बीच हालिया चर्चा के बाद यह स्थापित करना अहम है कि रूहानी बातचीत को तैयार हैं। अमेरिका के समझौते से अलग होने के एक साल बाद, ईरान ने समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को घटाना शुरू कर दिया था।
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