छ:माह से मानदेय न मिलने से भुखमरी के कगार पर रसोइयां
गोण्डा । परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को गरमा गर्म भोजन बनाकर खिलाने वाली रसोइयां छ :माह से मानदेय न मिलने से भुखमरी के कगार पर आ गई हैं। विभाग के उदासीन जिम्मेदारों को इन गरीब रसोइयों की परेशानियों का एहसास तक नहीं है।
विद्यालय के बच्चों के गरीब, कमजोर, विधवा अभिभावक ही रसोइयों के तौर पर काम करते हैं। वे विद्यालय के बच्चों को समय पर भोजन बनाकर खिलाते है। गांव के ऐसे कमजोर लोगों को छ:माह तक उनके मेहनत से काम करने के बाद भी मानदेय न मिलना अफसोस की बात है। डीसीएमडीएम गणेश गुप्ता से जब इस बाबत सवाल किया गया तो पहले वे भड़क गए। अखबारों को भी स्वत:इस मामले में संज्ञान न लेने के लिए दोसी करार दिया। उन्होंने बाद में सच्चाई को साझा किया। कहा अब रसोइयों को उनके निजी खाते में मानदेय भेजा जाना हैं। स्कूलों से प्राप्त रसोइयों का खाता नम्बर और आईएफएससी कोड़ मैच नहीं करता है। बार बार रसोइयों के नाम, खाता नम्बर व आईएफएससी कोड के लिए रिमाइंडर दिया जारहा है।उन्होंने कहा कि विभाग के अधिकारी इस सूचना को उपलब्ध कराने में रुचि नहीं लेरहे है। जिले के आला अधिकारियों को भी इसकी सूचना देदी गयी है। उन्होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास होगा कि जल्द से जल्द रसोइयों को मानदेय मिलजाए।
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