सबसे बड़े योद्धा बनके उभरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी - लोकसभा २०१९
लोकसभा चुनाव 2019 के इतिहास में यह भी लिखा जाएगा कि राजनीतिक दलों के किन योद्धाओं ने कितनी रैलियां की और उनका कितना असर रहा। जहां तक इस बार सक्रियता की बात है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समर के सबसे बड़े योद्धा के रूप में उभरे हैैं। वह शुरू में ही अपने चुनावी रथ पर सवार हुए तो रफ्तार लगातार बढ़ती ही गई। समापन हुआ है, प्रदेश में मऊ, मीरजापुर और चंदौली की तीन चुनावी रैलियों के साथ।
पीएम नरेंद्र मोदी की उम्र 68 वर्ष है, लेकिन चुनावी प्रत्यंचा उठाने में वह किसी से पीछे नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बार के चुनाव में भी एक बड़े लड़ैया की तरह लड़ते नजर आये और प्रचार अभियान को नई धार दी। हालांकि प्रदेश में इस बार विपक्ष की किलेबंदी भी मजबूत थी। गठबंधन के जातीय समीकरण की चुनौती तो थी ही, कांग्रेस भी बेहद आक्रामक थी। मोदी ने विपरीत हवाओं के वेग से जूझते हुए भाजपा को बड़ी ताकत दी।
यह मोदी का ही करिश्मा था कि वर्ष 2014 में पश्चिमी उत्तर प्रदेश से भगवा बयार बही और पूर्वांचल तक उसका असर बना रहा। प्रदेश की 80 सीटों में सहयोगियों समेत भाजपा ने 73 सीटें जीतीं। मोदी प्रधानमंत्री बने और इस ऐतिहासिक जीत का श्रेय उनको ही मिला। वह गुजरात के मुख्यमंत्री और पीएम पद के उम्मीदवार थे, लेकिन इस चुनावी रण में तो बतौर प्रधानमंत्री मुकाबिल हैं। निसंदेह मोदी ने अपना साम्राज्य बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दी। राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि भाजपा सांसदों की भारी भरकम फौज ने अगर जनता के बीच काम किया होता तो कोई चुनौती नहीं होती। इस बार जो भी बेहतर परिणाम होगा, वह मोदी की ही बदौलत रहेगा।
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